तेरा कर्म उड़ान है,
प्रतिफल नही
तेरा आशय ही महान है।
सतह का स्पर्श विराट नही
स्पर्श का स्वप्न देखना विशाल है।
अंत मे अनंत हो
ज़रूरी तो नही,
अनंत की संभावना जगाना ही कमाल है।
चांद का कद ऊँचा ही सही,
तेरे हौसले की बुलंदियों पे मुझे अभिमान है।
प्रतिफल नही,
तेरा आशय महान है, तेरा आश्य महान है।
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